Pages

Friday, February 03, 2012

ई. एम. आई. (EMI)


कभी हालात, कभी किस्मत और कभी मेहंगाई मार गई है यारॊं

अब ज़ींदगी बस धकनॊं का कर्ज़ बन गयी है
हम तो बस सांसॊं का ई. एम. आई. (EMI) भरतॆ हैँ यारॊं ।


-- कल्याण कुल्कर्णि

No comments:

Post a Comment