उन सॆ नज़रॆं मिली तॊ
शायरॊं कॆ मेहफ़िलॊं मॆ मशहूर हॊगयॆ ।
उन सॆ नज़रॆं चार हुई तॊ
शहर की आवारा गलियों मॆ मशहूर हॊगयॆ ।
उन सॆ नज़रॆं फ़िर गयी तॊ
मैकदों की तंग गलियॊं मॆ मशहूर हॊगयॆ ।
उन सॆ नज़रॆं हट गयी तॊ
दीवानॊं कॆ बदनाम किस्सों मॆ मशहूर हॊगयॆ ।
--कल्याण कुल्कर्णि
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