दिल के
नब्ज पर उन के ही अदावॊं का कब्जा है
सपनॊं
की दुनिया पर हकीकत मे उन का ही कब्जा है
सोच कॆ
परवाज़ पर उन की ही गलि कॆ हवाऒं का कब्जा है
जीनॆ कॆ
अंदाज़ पर उन कॆ ही अहेसासों का कब्जा है
हम तॊ
बस सांस भर जीलेते हैं
मगर ज़िंदगी
पर तॊ उन का ही कब्जा है ।
शायद इसीकॊ
कहते हैं अपनों/औरों के लिये जीना ।
-- कल्याण कुल्कर्णि
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